अमेरिका कंपनियों को पोल्ट्री उद्योग में निवेश से खफा पोल्ट्री फार्मर

जींद।





अमेरिका कंपनियों को पोल्ट्री उद्योग में निवेश से खफा पोल्ट्री फार्मरों ने पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर सोमवार को शहर में रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान पोल्ट्री फार्मरों ने भारत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में लघु सचिवालय पहुंच कर पीएम को संबोधित ज्ञापन एसडीएम सत्यवान मान को सौंपा। उन्होंने साफ कहा कि अगर सरकार ने अमेरीकी कंपनियों को निवेश के लिए भारत में छूट दी तो पोल्ट्री फार्मर अपने आंदोलन को और तेज करने को मजबूर होंगे।





पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर सोमवार को पोल्ट्री फार्मर जिला प्रधान गुरविंद्र बिसला के नेतृत्व में जाट धर्मशाला के सामने एकत्रित हुए। उन्होंने कहा कि पोल्ट्री उद्योग कृषि के साथ जुड़ा हुआ है। देश की जीडीपी ग्रोथ में पोल्ट्री फार्म का अहम योगदान है। अब सरकार अमेरीका के साथ पोल्ट्री में निवेश के लिए समझौता कर रही है। पोल्ट्री उद्योग से सात-आठ करोड़ सीधे रूप से जुड़े हुए हैं। समझौते के तहत भारत सरकार अमेरीका से लेयर, ब्रॉयलर, अंडा मंगवाएगी। जिससे स्थानीय पोल्ट्री उद्योग चोपट हो जाएगा। सरकार पोल्ट्री में प्रयोग होने वाले किसी भी साजोसामान पर कोई सब्सिडी नहीं देती और न ही किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाती है। फीड में प्रयोग होने वाली फसलों के एमआरपी निर्धारित हैं जिसके चलते चिकन की लागत बढ़ रही है। अंडा पैदा करने पर सवा चार रुपये खर्च आता है जबकि उसे बाजार में तीन रुपये 15 पैसे के हिसाब से बेचा जाता है। जो घाटे का सौदा है। पोल्ट्री फार्मर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम सत्यवान मान को सौंपा।


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